न चिंता न भय हो भोले नाथ आपकी जय हो
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कहते है लोग अक्सर मुझे कि बावला हूँ मैं..!!उनको क्या पता किअपने बाबा महाँकाल का लाडला हूँ मैं
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जिनके रोम-रोम में शिव हैं वही विष पिया करते हैं , जमाना उन्हें
क्या जलाएगा , जो श्रृंगार ही अंगार से किया करते हैं....जय भोलेनाथ.
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खुल चूका है नेत्र तीसरा शिव शम्भू त्रिकाल का,,,
इस कलयुग में वो ही बचेगा जो भक्त होगा महाकाल का
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मुझे अपने आप में कुछ यु बसा लो...
के ना रहू जुदा तुमसे,, और खुद से तुम हो जाऊ...जय भोलेनाथ.
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कैसे कह दूँ कि मेरी, हर दुआ बेअसर हो गई।
मैं जब जब भी रोया, मेरे भोलेनाथ को खबर हो गई ।।
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मुझे अपने आप में कुछ यु बसा लो...
के ना रहू जुदा तुमसे,, और खुद से तुम हो जाऊ...जय भोलेनाथ.
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अकाल मृत्यु वो मरे जो कर्म करे चांडाल का,
काल उसका क्या करे जो भक्त हो महाकाल का ।
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ॐ मृत्युंजयाय रुद्राय नीलकण्ठाय शम्भवे l
अमृतेशाय शर्वाय महादेवाय ते नम: ll
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मुझे खैरात में मिली खुशियाँ अच्छी नहीं लगती, मैं अपने गमो में भी रहता हूँ नवाबो की तरह।
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लोग हमारे बारे में क्या सोचते होंगे, अगर ये भी हम ही सोचेंगे, तो फिर लोग क्या सोचेंगे ?
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